28/4/07

चल यार आज बेबात हँसें!

चल यार आज बेबात हँसें,
कोई बात चले इससे पहले।
आ तुझको आखों में भर लूँ,
घर को उड़ने से पहले।
चल यार दोबारा उसी जगह,
बेठें बिल्कुल अनजानों से,
चल कर लें फिर से वही हाल,
अपने अपने दीवानों से।
फिर तुम कहना कुछ,
कुछ मैं कह दूँ,
सब लोग कहैं इससे पहले।
चल यार आज बेबात हँसें,
कोई बात चले इससे पहले।
चल यार वहीं पर, उन्हीं दिनों ,
जब थी खुश तू भी, खुश मैं भी।
हर बात तेरी थी तब भारी,
हर बात मेरी थी तब वजनी।
मैं तुझको कुछ था, कुछ तू मुझको,
सब कुछ बनने से पहले,
चल यार आज बेबात हँसें,
कोई बात चले इससे पहले।
चल बैठ वहीं देखूगाँ तुझको,
चोरी चोरी चुपके चुपके।
फिर करना वो बातें मेरी,
अपनी उसी सहेली से।
चल फिर से इकरार करें
हम वैसे ही चोरी चोरी।
आ तुझको यादों में भर लूँ,
घर को उड़ने से पहले।
चल यार आज बेबात हँसें,
कोई बात चले इससे पहले।

देवेश वशिष्ठ 'खबरी'
9410361798

10 टिप्‍पणियां:

  1. NAMASKAR BADE BHAI . APKI KI KAVIT ANE MA MOH LIYA . PURNI YAADEI TAAZA KARVA DI DIL KI GEHRAIYO MEIN CHIPI HUI BAATEIN AAP NE KAGAZ PAD DAAL DI . AB KYA KAHE BAS SHABAD NAHI BATANE K LIYE ...

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  2. चलो हंसना शुरू करो भाई!

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  3. हंसते हंसते रूला दि‍या...................

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  4. देवेश आप जानते ही हो कि मैं आपकी रचनाओं का कायल हूँ। बहुत ही सुन्दर रचना है यह, बधाई स्वीकारें।

    *** राजीव रंजन प्रसाद

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  5. देवेश भाई आपकी ये रचना वाकई दिल को छूने वाली है पहली बार हिन्दी ब्लाग जगत में इतनी अच्छी काव्य रचनायें पढ़ने मिल रही हैं....

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  6. Praman bhiya
    wo din door nahi jab aap bade logo dunia me shmil honge

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  7. wah chote kamal kar dittaa. choti si umar me bade bade kaam kar raha hain munna >D humri dua hain jaldi hi to great ho jaye aap ka HINDi ghayn lajwab hain aap se to mulkaat karni paregi chote .

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