8/9/12

प्यार का पेड़

हमने पेड़ लगाना सीखा
पंखुड़ियां सहलाना सीखा
सुबह-शाम फिर टुकुर-टुकुर
उसकी बात बताना सीखा
यूं ही बातें कहते लिखते
आज यहां तक आया हूं
राज की बात बताऊं , मैं अब...
उसी पेड़ की छाया हूं...

--- देवेश वशिष्ठ 'खबरी'