2/5/09

तुम डरो, तो डरो!



मेरे पद डगमग हैं... तो?
मेरी गति दुर्धर है... तो?
तुम अपनी फिक्र करो,
नसीहत मत दो...
मैं जानता हूं रास्ते टेड़े करना...
तुम अड़ो, तो अड़ो।

कर्मण्येवाधिकारस्ते...
रट लिया... रट लो!
छाले मेरे हैं...
फैसला तुम क्यों लेने लगो?
नींद, सपने, लाड़, चुंबन,
सपनों ने सब तो छल लिया,
मैं पिटूंगा, पर लड़ूंगा,
तुम डरो, तो डरो!

इश्क नहीं है कविता जैसा... तो?
भाव नहीं है राधा जैसा... तो?
तुम ढूंढो-फिरो... कन्हैया, राम, रसूल...
मैं जानता हूं... मैं बना रहना!
तुम खुदा बनो, तो बनो।

गर्म तवे पर,
बर्फ के डेले की तरह तड़पा हूं मैं...
हौसला करता हूं,
आग बुझेगी ये...
दही की हांड़ी में,
सहेजे सा जमा बैठा हूं...
उम्मीद में हूं,
दुनिया खट्टी होगी सब...

देवेश वशिष्ठ खबरी
9953717705

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूब।

    दुनियाँ खट्टी है नहीं प्रेम यहाँ मिष्ठान।
    गरम तवे पर बर्फ सा न तड़पें श्रीमान।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. दुनिया मेरे ठेंगे पर.... मैं लड़ूंगा... मैं जीतूंगा....
    मुश्किलें जितनी पड़ें चाहें मुझ पर...
    मैने ठान लिया... सपने सच करना...
    तुम लाख उठाओ उंगलियां.... तो....????

    देवेश को शुभकाममनाएं.....!!!!

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  3. बहुत बेभाव की
    भावदार भावनाएं जाहिर की हैं
    जिनमें लड़ने, जमने और अड़ने की
    पूरी शिद्दत मौजूद है।

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  4. bahut hi aatmvishwaas se bhari rachna....leek se hatkar kuch naya karney ki chahat liye is jaandaar rachna ke liye badhai....

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  5. ठीक करते हैं तारा जी, डरना भी नहीं चाहिये... नहीं तो इस दुनिया का डराने का हौसला बढ़ जाता है...

    श्यामल जी, आपने तो कविता का पूरा खट्टापन सोख लिया...

    बिल्कुल जयंत जी, दुनिया मेरे ठेंगे पर... उंगलियां तो उठती ही हैं...

    वाचस्पति जी, कविता को भाव देने के लिए और बेभाव बताने के लिए शुक्रिया...

    आपका भी बहुत बहुत शुक्रिया शिवानी जी, आपकी उपस्थिति अब हर रचना पर मिल रही है...

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  6. "ZIndagi jina aasan nahi hota
    bina mehnat koi mahan nahi hota
    jab tak na pade hatode ki mar
    tab tak pathar bhi bhagwan nahi hota"
    Bohot hi achi bate or kavitaye aap likhte ho isme kuch aap ka apna pan or humari kuch khoyi yade taja ho jati hai "http://www.policediary.news

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