25/1/22

प्रेम के प्रमेय

प्रेम में भी 
सीधी रेखाओं के 
काटने से ही बनता है कोण !
प्रेम की समानांतर रेखाएं भी 
अनंत तक करती हैं मिलने का इंतज़ार ! 
प्रेम की ज्यामिती के त्रिकोण में भी 
हमेशा दो भुजाओं का योग 
तीसरी से बड़ा होता है !
प्रेम की छटपटाती धुरी भी
घेरा ही बनाती है !
फिर भी जाने क्यों 
कभी सिद्ध नहीं हुए 
प्रेम के प्रमेय..?

- देवेश वशिष्ठ 'ख़बरी'

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