बाबा,
अम्मा ने लगाया था ना वो नीम का पेड़...
जिसकी गोद में ही आती थी आपको नींद...
और उसी की छांव में आपने ली थी आखरी सांस...
जिसकी गोद में ही आती थी आपको नींद...
और उसी की छांव में आपने ली थी आखरी सांस...
अब हम नई पीड़ी के शहरिये हो गए हैं...
और सोचते हैं कि सिर्फ हमें ही आता है... 'प्यार करना' !
- देवेश वशिष्ठ 'खबरी'
और सोचते हैं कि सिर्फ हमें ही आता है... 'प्यार करना' !
- देवेश वशिष्ठ 'खबरी'
9953717705
बहुत खूब...
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